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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमेरी बात.....
नमस्कार मित्रों!
हम नही जानते कि हम कितने अच्छे या बुरे लेखक है। हम तो केवल अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोना जानते हैं और इसी के जरिये अपनी बातों को आप सभी तक पहुंचाते हैं।
कविता संग्रह के बाद यह "वजह.... मिल गई..." नामक हमारी दूसरी किताब है और इस किताब के प्रकाशन से हम बेहद उत्साहित हैं। इस किताब में प्रकाशित सभी कहानियाँ हमारी मौलिक एवं स्वरचित कहानियाँ हैं। किसी भी तरह से किसी अन्य लेखक की चुराई गयी बातें इसमें शामिल नहीँ हैं।
हमारी समस्त कहानियाँ रोचक, रोमांचक, शिक्षाप्रद एवं प्रेरक है। इन कथाओं को सभी वर्ग के लोग पढ़ना पसन्द करेंगे।
अपनी बेशकीमती शब्दों की लड़ियों को एक ही कतार में सजाकर हमने बेहद खूबसूरती से इस पुस्तक की परिकल्पना को साकार किया है तो आप सभी से केवल इतना ही उपकार चाहूँगी कि आप मेरी रचनाओं को पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य व्यक्त करें।
सादर धन्यवाद!,
शिखा गोस्वामी "निहारिका"
इनका नाम शिखा गोस्वामी "निहारिका" हैं। इनके पिता का नाम श्री कमल गिरी एवं माता का नाम श्रीमती रेखा गोस्वामी है। ये पिछले 3 वर्षों से लिख रही हैं। ये पेशे से ट्यूशन टीचर हैं। ये मारो, चंद्रखुरी जिला मुंगेली, छत्तीसगढ़ की निवासी हैं। इनको कविता, कहानी लिखना पसंद हैं। इनकी 200 कविताएँ , 20 कहानियाँ अब तक प्रकाशित हो चुकी है। ये भारत के ज्यादातर राज्यों से सम्मानित हो चुकी है और वर्तमान में लेखन में ही पहचान बना रही है। मुश्किल हालातों से लड़ते हुए भी इन्होंने आज जो मुकाम हासिल किया है, यह सभी के लिए प्रेरणा से कम नही है।
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