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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palहम सब का जीवन हमें भिन्न-भिन्न प्रकार के अनुभव करवाता है. हर परिस्थिति एक कहानी कहती है, हर एक रिश्ता पात्र बनकर इसमें योगदान देता है. कभी-कभी एक ही व्यक्ति के अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं. यदा कदा वह हँसा देता है तो कभी गहन पीड़ा दे जाता है.
हमारे एहसास कभी गुदगुदाते हैं, कभी उत्तेजित कर देते हैं. कभी मन अति चंचल हो जाता है, तो कभी ध्यान मग्न हो कर प्रियतम में रम जाता है. कभी प्रेम अमृत रस में सराबोर होता है, तो कभी हलाहल बनकर विश्व विध्वन्स्कारी बन जाता है.
मगर मन में चाहे विष हो या अमृत, उसे संचित करने के लिये एक पात्र की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार अपने मन के द्रव्यों को इन कविताओं में उंडेलने की चेष्ठा की है. अपने अंतर की अनुभूतियों को पँक्तिबद्ध कर संवेदना सहित प्रस्तुत किया है, आशा करती हूँ कि मेरे दिल के कुछ संवाद आपको अपने से लगेंगें और आपके दिल तक पहुंचेंगे. मन तरन्नुम पर स्पंदित होते स्वर-सुर पाठकों को पसंद आयेंगे.
हो सकता है कि हिन्दी के कुछ क्लिष्ठ शब्द कविता पठन में अवरोध उत्पन्न करें और मन विचलित हो जाये, इसलिये हरेक कविता के साथ लिखित है उसका अंग्रेज़ी अनुवाद.
ज्योति मल्होत्रा
ज्योति मल्होत्रा अनेक वर्षों से अध्यापन के क्षेत्र में अपना योगदान देती आईं हैं। मात्र 13 साल की उम्र से कविता लेखन की ओर उनका रुझान है। अपने मन की गहन भावनाओं को सरलता से शब्दों में अनुवादित कर देती हैं। मगर अपने लेखन को प्रकाशित करने का विचार कुछ समय पहले ही आया। उनकी एक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है और यह संकलन उनका दूसरा प्रकाशन है।
हिन्दी भाषा की गहराई, वर्तमान स्थिति पर पौराणिक स्पर्श, हरेक शब्द का मितभाषी चुनाव उनकी भावपूर्ण कविताओं में भरपूर रूप से झलकता है।
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