"रूह से क़लम तक" एक सफर है दिल के उन एहसासों का, जो अल्फ़ाज़ की शक्ल में क़लम से बयां होते हैं। यह किताब सिर्फ शायरी का संग्रह नहीं, बल्कि दिल की गहराइयों में छुपी अनकही बातों और अहसासों का आईना है। शायरी को हमेशा से दिल और रूह का जुड़ाव माना गया है, और इसी जुड़ाव को इस किताब में जगह दी गई है। इसमें आपको मोहब्बत के नाज़ुक लम्हे, दर्द की कसक, उम्मीदों की लौ, और ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव के रंग मिलेंगे।
हर शेर और ग़ज़ल एक नए रंग, एक नए जज़्बात को बयां करता