इस पुस्तक में ऐसी बाते बताई गयी है जेसे मनुष्य अनुभव करता है लेकिन बहूत कम इसे करते है | इस पुस्तक में किसी तरह का अपमान नही क्या गया है | इसे लिखने का विचार यहाँ से आया की लोग एक दुसरे को देखकर इर्ष्या करते है और अपने स्नास्कृति को भूलते जा रहे है जिसे पूर्वजो के स्वीकारा था |