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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palज़िंदगी के रंग
ज़िंदगी, क्या है वास्तव में ज़िंदगी? क्या ये उगता सूरज है, या है ढलती शाम कोई। हर किसी के नज़रिए से अपना एक भिन्न ही प्रारूप लिए, ज़िंदगी निरंतर गतिमान है। इंद्रधनुष के सात रंग, अवगत होते हैं हम उनसे भली भाँति, किन्तु ज़िंदगी तो वास्तव में बहुरंगी है ना। खुशियाँ, गम, मुस्कुराहट, आँसू, दर्द, पीड़ा, सवेदनशीलता, उदारता, कुटिलता आदि अनादि अनेक गुणों अवगुणों से परिपूर्ण। प्रत्येक व्यक्ति के लिए ज़िंदगी की परिभाषा अलग ही है, सभी का अपना दृष्टिकोण, अपना मत, अपना नजरिया। ज़िंदगी कब किसे कौन सा रंग दिखाये ये कोई नहीं जानता, लेकिन अपने विवेक और समझदारी की कुशलता से जीवन का उचित प्रकार निर्वाह करना जिसे आ जाता है, वास्तव में उसका जीवन सार्थक हो जाता है। तो ऐसी ही कुछ भावनाओं की अभिव्यक्ति कविताओं के रूप में हमारे कुछ चुनिंदा कवियों द्वारा पिरोईं गयी हैं, "ज़िंदगी के रंग" में। आशा है, कि सरल भाषा में वर्णित की हुई प्रत्येक कविता पाठकों के हृदयतल को स्पर्श करके उनके मन में एक छाप छोड़ने में सक्षम रहेगी, और इस पुस्तक के संकलन का ध्येय सफल रहेगा।।
धन्यवाद
अनिका जैन, निखिल जैन
निखिल जैन एक नवोदित लेखक हैं, जो धुले, महाराष्ट्र से संबंध रखते हैं। ये अपना ज्ञान दूसरों के साथ साझा करना, यात्राएँ करना, और नई नई खोज करने में दिलचस्पी के साथ रचनात्मकता का शौक भी रखते हैं। ये अपने परिवारिक व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। बतौर लेखक इनका मानना है, कि लेखन एकमात्र ऐसी कला है, जिससे हम अपनी आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति भली भाँति कर सकते हैं। ये 30 से अधिक संकलनों के संकलंनकर्ता रह चुके हैं और स्वयं दो प्रकाशनों के संस्थापक भी हैं। इनसे जुड़ने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं। इंस्टाग्राम - @love.vibes143, Email - -love.vibes143@outlook.com
अनिका जैन, मोहब्ब्त की नगरी ताज नगरी, आगरा उत्तर प्रदेश से संबंध रखती हैं। लिखना इनका शौक ही नहीं पेशा भी है। इनका मानना है, कि केवल लेखन ही एक ऐसी कला है जिससे हम अपनी आंतरिक भावनाओं को भली भांति अभिव्यक्ति कर सकते हैं, और अपनी सोच और अपना नजरिया दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं। अपनी लेखनी के माध्यम से ये अपने मन को टटोलने और अपने विचारो को कागज पर उड़ेलने में सक्षम होती हैं। टाइपिंग के दौर में इन्हें आज भी कलम कागज का उपयोग करना बेहद पसंद है। इन्होंने 120 से अधिक किताबो में बतौर सह लेखक कार्य किया है, और इनके स्वयं के कई संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। इनकी एक सह एकल पुस्तक "प्रेमार्थ" भी प्रकाशित है। आप इनकी लेखनी पढ़ सकते है – Instagram handle _ @rumifam1803
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