Hindi

मैं कहाँ जाऊँ?
By Harshit Ranwal in Poetry | वाचलं गेलेलं: 240 | लाइक: 0
बदलते वक्त की गाड़ी अब भी मेरी गली छोड़ कर गुज़र जाती है, मैं उस भीड़ का हिस्सा हूँ जो हिंदुस्तान कहलाई जाती है।तुम जो फे  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 11,2020 09:53 PM
तड़पन
By Virgin Heart in Romance | वाचलं गेलेलं: 588 | लाइक: 1
किसी से प्यार करना या अपने प्यार के लिए किसी के पीछे भागना प्यार नहीं होता, प्यार तो वो होता है , जिसमें हम हमेशा डूबे  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 11,2020 11:40 PM
गुज़ारिश
By Virgin Heart in Poetry | वाचलं गेलेलं: 179 | लाइक: 1
कुछ अनकही बाते है जो मैं बयान करना चाहता हूं, मन में बहुत सारे सवाल है जिनके मैं जवाब ढूंढ़ना चाहता हूं, अगर इस स्थित  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 11,2020 11:44 PM
माफी
By Virgin Heart in Poetry | वाचलं गेलेलं: 310 | लाइक: 1
माफी मांगता हूं , जब पहली बार बात करने वक्त होट लड़खड़ाने लग गए थे, माफी मांगता हूं, जब भी आपसे मिलता हूं तो कुछ ना कुछ   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 11,2020 11:46 PM
Ghadi ki suiyan
By Rey Han in Poetry | वाचलं गेलेलं: 325 | लाइक: 0
Bataya nahi kisineKe ghadi ki suiyanPairon ki tarah chalti hai,.Jitni chal rahi haiUtna hi main sabseBichhadta ja raha hun....Saath jiskoMera laazmi tha,Durie unse aaj aazmi hai....Bhul gaya hun mainKaise baat karu unse,Baatein meriKhatam na hoti thi jinse....Kaash in suiyon koWapas ghuma sakta,Waqt  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 12,2020 01:24 AM
Bhul jaunga
By Mohit Satpathy in Poetry | वाचलं गेलेलं: 295 | लाइक: 1
Ye jo tm baar baar mere khayalon mein chali aati ho, bhula du tumhe mai sayad ye tm khud bhi na chahti ho.... Har raat teri tasveeron ko dekh , mai pagalo ki tarah kuch na kuch kehta hu, arso se unn bete lamho mein hi khoya rehta hu. Mai ab tere liye kuch aur likhna nhi chahta , par Kalam yeh meri  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 12,2020 11:48 AM
विषमृत्
By MAHFUZ nisar in Poetry | वाचलं गेलेलं: 195 | लाइक: 1
विषमृत्हर चीज़ तैयार खाने के रूप में हमें मिलती है,जो कभी तो स्वादिष्ट होती है,कभी नहीं, दोनों स्थिति में हम इंतज़ा  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 12,2020 02:14 PM
Pastry
By MAHFUZ nisar in True Story | वाचलं गेलेलं: 418 | लाइक: 1
Pastryहमारे ऑफिस में एक कूलिग का बर्थडे था,मैं एक नॉन गवर्नमेंटल ऑर्गंनाइजेशन में कर्म करता हूँ,कर्म शब्द इसलिए कि यह  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 12,2020 02:17 PM
उसका क्या कसूर
By Chitransh Srivastava in Poetry | वाचलं गेलेलं: 433 | लाइक: 1
गर्भ में ही उससे पीछा छुड़ाते गर जो बच गई जन्म तक तो जन्म के बाद उसे कचड़े के ढेर में फेंक आते किस्मत से अगर मां बाप न  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 12,2020 03:06 PM
कोरोना से दो बातचीत
By Ayush Raj in Poetry | वाचलं गेलेलं: 460 | लाइक: 0
।। कोरोना से दो बातचीत ।। तू काल नही हैं ...फिर तुझसे कैसे डर जाऊँ मैं ...तू यम का दलाल नही हैं ...चारो तरफ आज अंधेरा हैं ।   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 12,2020 03:10 PM
Teri Purani Tasvir
By Hrishikesh S PEDNEKAR in Poetry | वाचलं गेलेलं: 213 | लाइक: 0
Mili aaj teri woh tasvir purani, Aur phir woh samaa laut aayaa. Kafila chala unn baaton ka, Tanhaa mujhe phir chod aayaa. Karvat badli zindagi ne ki mod aayaa, Bas yaadein saath leli, Baaki sab wahi chod aayaa..  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 12,2020 05:37 PM
इतना खुदगर्ज़ नहीं हैं ये प्यार
By Pooja Madame in Poetry | वाचलं गेलेलं: 448 | लाइक: 6
अगर साथ हो मेरे तो सब साथ साथ ही चलेंगे  तुझे सब से दूर करके हम क्या पाएंगे . तुझसे&n  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 12,2020 06:13 PM
आवाज़
By Abhishek Gaukhede in Mystery | वाचलं गेलेलं: 1,556 | लाइक: 0
निशा लॅकडाउन की वज से अपने घर ना जा पायी, और वह अपने रूम पर अकेली ही थी। उसका ऑफिस चालू था, सब को वर्क फ्रोम होम करने को  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 12,2020 06:21 PM
टोय
By Abhishek Gaukhede in General Literary | वाचलं गेलेलं: 434 | लाइक: 0
भूमि ने रोते रोते अपने रूम का दरवाजा खोला और बेड पर जाकर बैठ गयी। रोते रोते उसकी नज़र स्टडि टेबल पर रखे हुए गुड्डे   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 12,2020 06:57 PM
" परिंदों की आवाज"
By lata_Sahu in Poetry | वाचलं गेलेलं: 515 | लाइक: 1
                         [" परिंदों की आवाज"]           " परिंदे भी सोच रहे हैं             कहीं इंसान  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख May 12,2020 08:06 PM