मैंने डॉ. अरुण कुमार निषाद द्वारा विरचित ‘आधुनिक संस्कृत साहित्य : विविध आयाम’ का आद्योपान्त ‘नीरक्षीर’ विवेक से अध्ययन किया । विद्वान, युवा एवं प्रतिभावान रचनाकार डॉ.निषाद का यह कार्य अत्यन्त ही प्रशंसनीय है ।
आधुनिक संस्कृत साहित्य से लेकर समकालीन रचनाकारों और उनकी रचनाओं पर लिखित इस ग्रन्थ में 32 शोधपरक आलेख हैं ।
उक्त सृजनकर्ता का यह कार्य अत्यन्त प्रेरणास्पद, प्रशंसनीय एवं स्तुत्य है । संस्कृत समाज के लिए मार्गदर्शन, युवा वर्ग के लिए आदर्श रुप में यह ग्रन्थ सिद्ध होगा । मैं हृदय से रचनाकार के प्रति शुभाशंसा व्यक्त करता हूँ कि यह रचना अवश्य ही लोगों का हृदय-हार बनेगी । संस्कृत समाज अवश्यमेव इससे लाभान्वित होगा ।
प्रो.रामसुमेर यादव
प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष
संस्कृत तथा प्राकृत भाषा विभाग
लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ ।