श्री मां शारदा की कृपा से समय-समय विभिन्न विषयो पर उठे अपने भावों को मै लेखनी में उतारती रही ।
इस संग्रह में लेखन के आरंभिक दौर की रचनाएं है। उन सारे भाव लेखन संग्रह को साहित्य धरा प्रकाशन पुस्तक का रूप दे रहा है। साहित्य धरा प्रकाशन को ह्रदय से स्नेहिल आभार !���������
अर्चना के भावों का यह संग्रह , मैं अपनी मां श्रीमती ध्रुव देवी जायसवाल जी एवं पिता श्री बिहारी लाल जायसवाल जी को समर्पित करती हूं।