यह पुस्तक सभी बेटियों को समर्पित है। बेटियां जिनसे घर में रौनक होती है, बेटियां जिनके बिना घर घर नहीं होता!
यह पुस्तक एक साझा काव्य संग्रह है जिसे श्रीमती अंजली वर्मा और श्रीमती अल्पा मेहता जी ने संपादित और संकलित किया है।
इस पुस्तक में जो भी कविताएं, दोहे है, सब के सब बेटियों के लिए लिखे गए है।
भारत के विभिन्न भूभाग से इसमें कवियों और कवित्रियों ने हिस्सा लिया है, आशा है की ये आप सभी पाठकगण को पसंद आवे।
छोटी सी आशा...