इसमें हर कविता के मूल भाव अलग है, सन्दर्भ अलग है, आक्षेप अलग है, शब्द विन्यास अलग है, अर्थ अलग है ..... पर हर कविता में एक समान मात्रा विन्यास है, एक समान गेयता है, एक तरह के आरोह अवरोह है| उम्मीद है कि ये कविताए पाठको का ध्यान आकृष्ट कर पाएंगी| प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी| धन्यवाद|