'गौरैया का शोकगीत' काव्य संग्रह में वर्णित काव्य रचनाएं मुख्यरूप से काव्य कला के मुक्तक स्वरूप में लिखीं गईं हैं। जो काव्य रचनाएं लय, राग और छंद की पारंपरिक मान्यताओं और अनिवार्यताओं से आगे बढ़कर मुक्त रूप से विचरण करती हैं। इस प्रकार गौरैया का शोकगीत काव्य संग्रह में उल्लेखित काव्य रचनाएं वाच्य में लयबद्ध, श्रव्य में रागयुक्त तथा तकनीकी रूप से छन्दबद्ध प्रतीत नहीं होंगी, लेकिन इसके विपरीत इस काव्य संग्रह में लिखिति काव्य रचनाएं जीवन, मनुष्य तथा प्रकृति से जुड़ी उन भावों, संवेदनाओं तथा व्यथाओं को मार्मिकता से महसूस करने की एक अंतर्दृष्टि देंगी जिन्हें अक्सर हम अनदेखा कर देते हैं। इसके साथ ही इस काव्य संग्रह में उल्लेखित काव्य रचनाओं को बेहद ही आसानी से पढ़ा जा सकता है, लेकिन काव्य रचनाओं में निहितार्थ को समझने हेतु दो पल ठहरकर विचार करने की आवश्यकता पाठकों को पड़ सकती है।
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