गीत-शतक गीतकार सुरेन्द्र कुमार शर्मा के सौ गीतों का संकलन है जिसमें जिंदगी के विविध रंगों से रंगे हुए गीतों जिनमें प्रकृति, मानवता, भाईचारा, विश्व बन्धुत्व, जीवन दर्शन एवं प्रेम आदि को समाहित किया गया है | गीतकार ने जहाँ एक ओर विविध विषयक गीतों को अपनी लेखनी से उकेरते हुए प्रकृति के स्थूल से सूक्ष्म तक के विद्रोह को रेखांकित करते हुए स्वर देने तथा दूसरी ओर छांदस कविता में महनीय विषयों पर उदात्त- ध्येय को यथार्थ के धरातल पर उतारने का प्रयास किया है | कवि कहीं मन को साधने और मन को साधकर धोने की बात ही नहीं करता, अपितु मन के भोजन को बंद कर साँसों में डोलने और अमृत- रस घोलने का आव्हान करता है | जहाँ मन के रावण को मारनानह चाहता है वहीं मन में रहते हुए मैं को निकाल बाहर करना चाहता है | जिंदगी को समझना चाहता है और आत्मा से सीधा संवाद स्थापित करता है | प्यार के चेहरे को पहचानना चाहता है| अपने भोगे हुए यथार्थ को प्रेम में रूपांतरित कर लिपिबद्ध कर सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहता है | इन गीतों को पाठकों के सम्मुख रखकर उनसे अन्तर्तल से जुड़ना चाहता है | सभी पाठकों की प्रतिक्रियाओं का स्वागत है | इन्हीं कामनाओं से गीत-शतक
प्रस्तुत कर पाठकों के बीच एक सेतु बनाना चाहता है |