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hey! do you hear / अजी!सुनती हो

Author Name: Tarun Srivastava | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

अजी सुनती हो" एक साधारण पुस्तक न होकर बल्कि एक अव्यक्त अभिव्यक्ति है। इसमें एक प्रेमिका/प्रेमी किस प्रकार से व्यवहार करते है, किसी एक पक्ष के बेवफा हो जाने पर दूसरे पक्ष की स्थिति अथवा उसका उस प्रेमिका/प्रेमी के संग बीती यादें आदि को व्यक्त किया गया है। यह एक ऐसी खटमिट्ठी खूबसूरत को अपने अंदर सजोये है जो प्रत्येक व्यक्ति के मानस पटल पर जीवंत है। वास्तव में यह मेरी पुस्तक न होकर आप सबकी पुस्तक है।

इस पुस्तक का उद्देश्य आप सभी को उन पहलुओं से सुपरिचित कराना ताकि इस व्यस्त जिंदगी पर जमी धूल को साफ करना।

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तरुण श्रीवास्तव

तरुण कुमार श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश के गोंडा जिके निवासी है।  इन्होने वाणिज्य में परास्नातक और बीएड, डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से किया है । ये पेशे से शिक्षक, लेखक और समाजसेवी है।  ये अपने जीवन यापन के लिए एक निजी महा विद्यालय में अध्यापन कार्य करते है। इन्हें बचपन से ही लिखने का शौक है। इनकी पंक्तियां मोहब्बत से संबंधित होती है।  इनकी कई रचनाये समय-समय पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में छपती रहती है। विभिन्न मंचो पर उनकी कृतियों को न केवल सम्मान मिला है बल्कि उन्होंने कई अवार्ड भी जीते है।

लेखक के तौर पर यह उनकी दूसरी  कृति है, हालाँकि इससे पहले भी उन्होंने लगभग ४० पुस्तकों में उनका योगदान सह-लेखक का भी रहा है।  

बहुमुखी प्रतिभा के धनी तरुण श्रीवास्तव जी सामाजिक और लोक कल्याण के विभिन्न संगठनों से न सिर्फ जुड़े है बल्कि समय-समय पर लोकोपयोगी सामाजिक मुद्दों को उठाते रहे है।

ये नियमित तौर पर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, योर कोट्स, नोज़ोटो, कम्युनिटी आदि पर अपनी बात लिखते रहते है।

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