जन्नत या स्वर्ग की कल्पना लगभग सभी धर्म में एक विचार के रूप में उपस्थित है, हालांकि जन्नत या स्वर्ग की कल्पना का उद्देश्य इंसान को सही रास्ते पर लाकर उसको स्वर्ग का प्रलोभन देना इसको गलत कार्यों से बचाना है। लेकिन वर्तमान समय में इस विचार का अर्थात स्वर्ग की कल्पना का दुरुपयोग हो रहा है अधिकतर लोग स्वर्ग का प्रलोभन देकर पैसा ऐठ लेते हैं व धर्म की आड़ में बेवकूफ बनाते हैं। लेकिन स्वर्ग है या नहीं यह एक गहन प्रश्न है और न यह जीवन में पूर्णतया स्पष्ट हो सकता है कि स्वर्ग है या नहीं ? क्योंकि स्वर्ग की कल्पना करने के पश्चात ही प्राप्त होती है इसलिए यह विज्ञान के नजर में निरर्थक है। क्योंकि विज्ञान या नास्तिक लोग बिना देखे कुछ भी नहीं मानते इसलिए स्वर्ग की कल्पना उनके लिए निरर्थक है। हालांकि इंसान के जीवन में कुछ ऐसे अनसुलझे रहस्य है जिस पर स्वर्ग के बारे में विचार करना पड़ता है जैसे कि इंसान का जन्म कहां से हुआ वह कहां से आया? इसी प्रकार से मृत्यु के बाद कहां जाता है? क्या होता है और सो जाने के बाद सपने कैसे आते हैं? ऐसे अनेकों प्रकार के प्रश्न दिमाग में बने रहते हैं। इसको भले ही साफ इंकार न करें लेकिन खामोशी जरूर रहती है। जन्नत की कल्पना एक सपने की दुनिया की तरह है जो कि बड़ी ही आनंदमय है लेकिन यथार्थ क्या है ? यह किसी को नहीं पता ।
इसी संबंध में यह छोटी सी पुस्तक अनेकों धर्म के अंदर जो स्वर्ग की कल्पना की गई है उसी के बारे में संक्षिप्त वर्णन है। मुझे जहां तक जानकारी प्राप्त हुई है मैंने सामग्री एकत्रित की है। यदि आपके पास इससे अधिक जानकारी हो तो कृपया अवगत करायें मैं आपकी जानकारी को साझा करूंगा।