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Jan Hunkar (A Short Poetry) / जन हुंकार ( एक लघु काव्य )

Author Name: Dr. G. Bhakta | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

प्रसिद्ध गाधीवादी सामाजिक कार्यकर्त्ता भारतीय आत्मा अन्ना हजारे की संस्था इंडिया एगेन्स्ट कोरप्शन को यह काव्य रचना समर्पित हैं, जहा से भ्रष्टाचार नियंत्रण हेतु राष्ट्र व्यापी आन्दोलन जारी है ।

 "जन हुँकार" में कवि की भावना का क्रमिक भावोन्मेष, कालक्रम की गति, परिणति, प्रस्तुति और अवसान में जन-मन एवं हृदय के भावोद्गार मानव के कल्याणार्थ फूट पड़ा है जो जितना ऐतिहासिक है, उतना ही समसामयिक भी राजनैतिक परिदृश्य का सामाजिक संस्पर्श पाठकों की सहमति की अपेक्षा रखगी।

 भारतीय इतिहास सौष्ठव, अंग्रजी सत्ता की वर्वरता और स्वतंत्र भारत की राजनैतिक सामाजिक परिदृश्य पर कवि की आतनाद कोई क्रांतिकारी उन्माद नही जन आकाक्षाओं की करुणा भाव भूमिका है जिसके लिए भारतीय आत्मा को जगान और उनमे युगबोध अपनाने की उदघोषणा निहित है।

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डा. जी. भक्त

डा. जी. भक्त अपनी साहित्यिक सेवा को समाज के लिए समर्पित किया है जिसमे शिक्षा, समाज कल्याण और चरित्र निर्माण का ही लक्ष्य निखरता है।

 जहाँ भक्त जी की होमियोपैथिक औषधियाँ रोग निवारक है वैसी ही उनकी कविताएँ भी जीवन दायिनो है। काव्य का निहितार्थ सत्ता पर आरोप के उद्घोष नहीं, नागरिकों के सम्बनधों में विश्वास जगा पाने की शिष्ट कल्पना है। कवि देश में जनतंत्र की सुदृढ़ नीव के समर्थक हैं।

मैं आशा एवं विश्वास दानों ही दृष्टि से कामना करता हूँ कि शिक्षा के परिवेश में प्रकृत्या आती गिरावट को नयी ऊर्जा प्रदान करने में डा. जी. भक्त की हिन्दी एवं अंग्रेजी में प्रस्तुति अपनी सार गर्मिता लालित्य और युगधर्म के लिए अवश्य सराही जायेगी।

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