||तुम्हारा होना||
ये रंग
जो तुम्हारी हंसी से
बिखरे पड़े हैं धरा पर
तुम्हारे प्रेम की ऊष्मा पाकर ही
वाष्पित हुए
और इंद्रधनुष हो गया सतरंगी
तुम्हारी खुशियों से ही
तय किये गए
धरती और आकाश की
सम्पूर्णता के समीकरण,
अलसुबह
तुम्हारे चेहरे के नूर से ही
खिलते रहे फूल
जब नहीं रहोगी तुम
बेरंग हो जायेगी दुनियाँ
खत्म हो जायेंगी पृथ्वी पर
जीवन की सारी संभावनाएं |
भानु प्रकाश रघुवंशी