भारतीय हिन्दू समाज में कन्याओं को बहुत ही उच्च स्थान प्राप्त था और उन्हें पूजनीय कहा गया है। नवरात्रि के अवसर पर कन्याओं को ढूढ़ ढूढ़ कर अपने घरों पर आमंत्रित किया जाता है और उनका घर घर कन्या पूजन किया जाता है। सामान्य रूप से कुवारी लड़कियों को कन्या कहा जाता है, किन्तु विशेष रूप से 10 वर्ष तक की बच्चियों को ही कन्या कहा जाता है।