अपनी-अपनी श्रेणी में ये सब कीर्तिमान, मेरी जानकारी के अनुसार, अब तक अक्षुण्ण हैं।
उक्त कीर्तिमानों के अतिरिक्त जो एक और दुर्लभ कीर्तिमान भी बना वह यह है कि ईस्वी वर्ष २०२१ में मैंने कुल मिला कर १८४० कविताएँ लिख डालीं। इर सभी कीर्तिमानों में केवल हिन्दी की कविताएँ ही सम्मिलित हैं, ग़ज़ले, अँग्रेज़ी की कविताएँ, दोहे, मुक्तक, चतुष्पदियाँ, क्षणिकाएँ, मिनी हाइकू, हाइकू, अश्आर, रुबाइयाँआदि सम्मिलित नहीं किये गये हैं।
कोई पाठक/कवि यदि उक्त किसी भी या सभी कीर्तिमानों को ध्वस्त करने वाले किसी भी कीर्तिमान से परिचित हो तो मेरा मार्गदर्शन अवश्य करे, मुझ पर बहुत उपकार होगा।
आप इस अनोखे संचयन को मनोयोग से पढ़ें और अपना आशीर्वाद दें।
(हस्ताक्षर)
डॉ.विनय कुमार सिंघल
"श्रीकृष्ण-पद-रज-अनुगामी"
अधिवक्ता/कवि
३०-१२-२०२१