इस पत्र-संग्रह में लेखिका ने एक रिश्ते के टूटने पर अधूरे जज़्बातों का जो सफ़र दोनों लोग कुछ वक्त तक करते हैं, उनमें से एक तरफ़ का हिस्सा पेश किया है । ये जज़्बातों का रोलर-कोस्टर कभी यादों में गहरा डूब रहा होगा तो कभी उनसे परे जाने की उम्मीद में लम्बी छलाँगे मारेगा । हर ख़त कुछ ऐसा कहेगा आपसे जो आप जानते नहीं थे कि आप भी किसी से कहना चाहते हैं । इनके ख़त तो जता ही देंगे इन्हें दिल को बांधना नहीं पसंद और इस संग्रह को पढ़कर आपका भी मन करेगा खुल के जीने को, दिल लगाने को ऐसी उम्मीद लेखिका रखती हैं ।