दो शब्द
जब आत्मा प्रेरित करती है और माँ सरस्वती का आशीर्वाद मिलता है तो शब्द मन की भावनाओं को उकेरने लगते हैं, और शब्द प्रवाह एक रचना का रूप ले लेते हैं।
सर्व साधारण जीवन में हम नित्य अनेक घटनाओं और उपलक्ष्यों को गहनता से महसूस करते हैं और उनका विश्लेषण अपने जीवन के सांसारिक अनुभवों और
बड़े बुजुर्गों के द्वारा प्राप्त संस्कारो के आधार पर करते हैं।
जब मन भीतर से विचारों को ये धारा शब्द रूपी प्रवाह द्वारा प्रक्षेपित होती है तो बस कविता कहानी का रूप ले लेती है
और मन को एक संतुलन प्रदान करती है।
भिन्न-भिन्न भावों और किरदारों की अभिव्यक्ति के माध्यम से दरसल एक लेखक स्वयं के उत्तम स्वरूप की खोज कर रहा होता है।
इस काव्य-संग्रह में मन की बात और जीवन के अनुभवों को व्यक्त करने का प्रयास किया है॥
हिमांशु चतुर्वेदी