डॉ हरिवंश राय 'बच्चन' जी के "मधुशाला" के कालातीत आकर्षण और जीवन के गहन दर्शन से प्रेरित एक काव्यात्मक यात्रा, "मेरी मधुशाला" की आकर्षक दुनिया में कदम रखें। कविता की यह मनमोहक श्रृंखला खुशी की गहरी खोज का खुलासा करती है, ऐसे छंदों को बुनती है जो वास्तविक 'मधुशाला' के मूल पर ही प्रतिध्वनित होती है, और अस्तित्व की भूलभुलैया के माध्यम से एक मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में काम करती है। "मेरी मधुशाला" केवल एक संग्रह ही नहीं है; यह परम आनंद का खजाना है, अंधेरे की छाया को दूर करने के लिए सकारात्मकता प्रसारित करता एक प्रतिबिम्ब है। इनमे मेरी मधुशाला के अतिरिक्त भी कई छोटे-बड़े काव्य, कई हास्य कृतियां सम्मलित हैं। अपने आप को एक कुशल कलाकार की विचार प्रक्रिया में डुबो दें जिसके शब्द पन्ने पार कर धुन बन जाते हैं। भीतर की कविताएँ विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से गूंजते हुए लोकप्रिय गीतों में बदल गई हैं। प्रत्येक कविता स्नेह, विद्रोह और रूमानियत के बीच एक संतुलन है, जो पाठकों को अपनी आध्यात्मिक मधुशाला खोजने के लिए आमंत्रित करती है जहां शाश्वत प्रसन्नता आपका इंतजार कर रही है।
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners