ऐसा ही कुछ होता है जब एक नया विध्यार्थी या मैं अपने कॉलेज में पहली गया था, लग रहा था कब ये जगह छोड़े और पुरानी जगह लौट कर जाए परन्तु जैसे ही कॉलेज के अंत समय आया सब कुछ बदल गया उस समय कॉलेज छोड़कर जाने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था अब चाहे आप इसे मोह या लगाव कुछ भी कह सकते है | परन्तु आगे बढ़ने के लिए जाना तो था ही परन्तु जितने समय तक मैं कॉलेज में रहा और मैंने वहां जो सीखा जो देखा और जो समझा उसको इस किताब के माध्यम से आप तक पंहुचा रहा हूँ |
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