दो शब्द
बचपन से ही मुझे पत्र पत्रिकाओं अखबारों में रूचि तथा उनमें कुछ ना कुछ लिखने का शौक रहा है। बीच के कुछ कालखण्ड को छोड़कर यह प्रक्रिया अनवरत जारी है। वर्ष 2019 में घटित एक घटना ने लेखन की प्रक्रिया को तीव्र किया तथा मेरे अंदर का सोया साहित्यकार कुलांचे भरने लगा। फ़रवरी 2020 में मेरी पहली कविता संग्रह " नया नया सा एहसास" प्रकाशित हुई।
वर्तमान में लगभग दस साझा काव्य संग्रह भी प्रकाशित हो चुकी है।साथ ही साथ सोशल मीडिया के विभिन्न साहित्यिक प्लेटफार्मों पर नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती हैं। मुझे साहित्य के क्षेत्र में प्रकाशकों द्वारा अनेकानेक सम्मान प्राप्त हुए हैं। मेरी रचनाएं अधिकतर समकालीन और जनसरोकार वाली होती हैं। जिसमें आम आदमी केन्द्रीय भूमिका में रहते हैं। सरकार से उनकी उपेक्षा पर कटाक्ष करती हुई प्रतीत होती हैं। सामान्य शब्दों से सजी होती हैं। जिसे जनसाधारण भी सहज रूप से समझ सकते हैं।
आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि यह काव्य संग्रह भी आप सबों को भाएगा।
नवाब मंजूर