"पाथेय" में ऐसे आलेख चयनित किए गए हैं जिससे लोगों में आत्मविश्वास, स्वावलंबन, चारित्रिक– उत्कर्ष, मानवता का सम्मान, जीवन में आशावाद, कर्तव्य परायणता, श्रम और तपस्या द्वारा उन्नति की भावना जैसी उदात्त भावनाओं का संचार हो। साथ ही व्यापक भारतीय संस्कृति की अविच्छिन्न परंपरा के प्रति युवा मानस गौरव का भाव जागृत हो।
इस संस्करण की रचनाएं तीव्र आवेगों और परिपक्व संवेदनाओं से परिपूर्ण हैं। इसमें शुद्ध घरेल दिनचर्या से लेकर अपने आसपास के एकांत, राष्ट्रीय मनोभावों के समृद्ध चिंतन से लेकर रोमानी सुधियों का फैलाव है। यह फैलाव पाठकों को कहीं बांधता है और कहीं मुक्त करता है, कहीं सोचने को विवश करता है तो कहीं पर आत्मविश्वास से भर देता है।
यह "पाथेय" जुझारू चिंतकों की जीवनानुभूतियों के दस्तावेज हैं जहां सुधीजनों के आस्वाद के लिए बहुत कुछ है।