किताब के बारे में
प्रस्तुत पुस्तक भारत के विभिन्न राज्यों के लेखकों एवं कवियों की स्वतंत्र अभिव्यक्तियों का एक संकलन है, जो पिता का हमारे जीवन में महत्त्व,पिता का प्रेम व पिता के खोने के दर्द इत्यादि को दर्शाता है और पाठकों की संवेदनाओं को जागृत करने का एक प्रयास है, जिससे हम सभी पिता के प्रेम को भी समझ सकें क्योंकि माँ के बारे में तो सभी वर्णन करते हैं लेकिन हमारे जीवन में तो दोनों का योगदान महत्वपूर्ण है इसके लिए हम पिता के भी प्रेम को समझने की दिशा में सार्थक प्रयास कर सकें। जिससे हम सभी उनके(पिता) महत्वपूर्ण योगदान को समझने का प्रयास कर सकें एवं जागरूक पुत्र/पुत्री होने के उत्तरदायित्व का निर्वहन कर सकें। पिता दिवस सिर्फ कोई एक ही दिन मनाने का दिवस नहीं बल्कि हर दिन अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए है। समस्त प्रकाशक एवं संपादक मंडल द्वारा इस पुस्तक को त्रुटिरहित बनाए रखने का पूरा प्रयास किया गया है। ख़ास बात यह है कि लेखकों ने अपने पिता जी के साथ अपनी फोटो लगाई है। यह पुस्तक प्रतिवर्ष 19 जून को मनाए जाने वाले 'अंतरराष्ट्रीय पिता दिवस' पर प्रकाशित की गई है।