'पिता' शब्द सुनकर मन में श्रद्धा का भाव स्वत: आ जाता है क्योंकि पिता अपनी संतान के लिए समस्त दायित्वों की पूर्ति जो करता है। पिता का पितृत्व महान है और उसके द्वारा संतान के लिए किए गए समस्त कार्यों का कोई मोल नहीं है। हाइकु के पहले शब्द से अन्तिम शब्द तक पहुंचते ही 5-7-5 अक्षरों के क्रम वाली 17 अक्षरीय हाइकु कविता छन्द में पूर्ण बिम्ब सजीव हो उठता है। 'पिता' हिन्दी हाइकु संग्रह में पिता को हाइकु छन्द के माध्यम से अभिव्यक्त किया गया है। ये सभी हाइकु आपको अपने पिता के संग बिताए गए मधुर क्षणों की स्मृतियों में ले जाकर भावुक कर देंगे। एक बार अवश्य पढ़ें।