कवि की कलम से राधा-कृष्ण के भावों का अलंकरण.....
दिव्य शक्तियाँ पृथ्वी पर अनेक रूपों में अवतरित हुई हैं, किंतु राधा-कृष्ण की छवि ने मुझे ज्यादा लुभाया है। निर्मल और निश्छल प्रेम से परिपूर्ण एक अद्भुत जुगल-जोड़ी आज तक न अवतरित हुई है और न भविष्य में होगी।