समबद्ध का प्रयोजन ना केवल समाज से है बल्कि देश और मनुष्य से भी जुड़ा है l किताब का संबंध ऊंच विचार से है l मैने उस विचार को एक प्रेम कहानी के माध्यम से व्यक्त करने का प्रयास किया हैं l यह एक ऐसी कहानी है जो चमकदार दुनिया को परिभाषित करने के लिए तैयार हैं। सम्बद्ध के माध्यम से मैंने जीवन मेँ आजादी पर जोर दिया हैं। यह परम सत्य है कि जीवन मेँ आजाद होने के लिये आपको मुक्त होना पड़ेगा l आपकी मुसीबत का आपके जीवन से कोई लेना देना नही है l जो भी लेना है वह है आपको l यकीन माने आपकी मनोवृत् और आपका जीवन दो अलग अलग चीजें है l जो आप हैं वह आप नहीं है l आपको आई से इडेंटि की ओर मूव करना होगा l आप को जो जरूरत है उसका इंतज़।म अरबो वर्ष पहले किया जा चुका है।