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Sanskriti / संस्कृति भारत की पहचान

Author Name: Prashant Rawat | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

पुराण काल से चली आ रही हमारी संस्कृति, जो आज कही ना कही नव भारत में खो रही हैं,
संस्कृति का मतलब सिर्फ़ नमस्ते करना नही हैं,संस्कृति का मतलब है आपस में प्रेम बनाएं रखना प्रेम को समझना,उसमे खो जाना चाहे वो पहनावा हो या बोल चाल, लेखक न प्रेम के माध्यम से स्त्री और पुरुष दोनों को ही भारत कि संस्कृति से जुड़े रहने का संदेश दिया हैं, इस कविता में उस प्रेम का वर्णन हैं, जिसे आज की पीढ़ी नहीं जानती हैं, और ये कितना भयानक रूप लेती जा रही हैं जिसकी कल्पना भी असहनीय है

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प्रशान्त रावत

मैं प्रशांत रावत कानपुर विश्वविद्यालय का पूर्व-छात्र हूं, जो अपनी शिक्षा पूर्ण कर दिल्ली में मार्केट रिसर्च कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर की पोस्ट पर कार्य कर रहा हूं, मैंने स्नातक में होटल मैनेजमेंट तथा परास्नातक में एमबीए किया है तथा इसी के साथ में पीएचडी की तैयारी कर रहा हूं ।मेरा जन्म सन् 2000, 21अप्रैल को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में हुआ, तथा प्रारंभिक शिक्षा कानपुर से प्रारंभ हुई, मेरे पिता जी का नाम श्री राकेश रावत तथा माता जी का नाम श्रीमती किरण रावत है यह मेरी चौथी पुस्तक प्रकाशित होने जा रही है, जिसका शीर्षक संस्कृति भारत की पहचान है, मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंधित हूं, संस्कृति मेरी चौथी किताब है मेरी पहली किताब कुछ अनकहे शब्द तथा दूसरी किताब एक कदम और और तीसरी किताब कानपुर विश्वविद्यालय पर है, जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अमेजॉन तथा फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है मैं धन्यवाद करता हूं अपने उन सभी  का जिन्होंने लिखने के लिए मेरा प्रोत्साहन बढ़ाया , यह पुस्तक सिर्फ पुस्तक नहीं है आज की सच्ची घटना पर आधारित है ,

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