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Satya ke prashey sirf moune / "सत्य" की परछाई सिर्फ "मौन"

Author Name: Dr. Sunita Shivshankar Bundele | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

साहित्य समाज का दर्पण होता है, जिसमें विविध सामाजिक समस्याएं प्रतिबिंबित होती है। साहित्य समाज की विसंगतियों को उद्घाटित कराके बदलते हुये सामाजिक मूल्यों के प्रति लोकमानस को आकर्षित करती हैं। यही जनकल्याण की प्रवृत्ति साहित्य को सार्थकता प्रदान करती है। जीवन के प्रति व्यापक सकारात्मक दृष्टिकोण, अनुभूति की गहनता, मानवीय उत्थान के प्रति अटूट  आस्था, महान लक्ष्य से केन्द्रित साहित्य निश्चित ही अपना शाश्वत मूल्य रखता है।

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डॉ. सुनीता बुंदेले

 नाम : डॉ. सुनीता बुंदेले

उपनाम : श्री शिवशंकर बुंदेले 

जन्म-तिथि : 26 सितंबर 

जन्म-स्थान : अमरावती, महाराष्ट्र 

शिक्षा : M.com, M.A Translation Hindi, Hindi literature 

PHD - वाणिज्य क्षेत्र में अनुवाद की समस्याओं का मूल्यांकन 

सम्प्रति : अधिव्याख्याता, अनुवाद हिंदी विभाग संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय महाराष्ट्र 

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