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Shabdo ki Mahak / शब्दों की महक Sajha sangrah

Author Name: Om Prakash Lovevanshi Sangam | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

जिस तरह से फूलों से महक आती है उसी तरह इस पुस्तक में शब्दों से विचारों की महक निकल कर आप तक पहुँचेगी । हमारे इर्द-गिर्द घूमती हुई कविताओं का संकलन इस पुस्तक में किया गया है जो निश्चित ही हमारे जीवन काल से जुड़ी हुई हैं।  पुस्तक में शामिल की गई कविताएं निश्चित आपके ह्रदयतल तक पहुँचेगी।

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ओम प्रकाश लववंशी संगम

ओम प्रकाश लववंशी "संगम" का जन्म राजस्थान के बाराँ जिले के गाँव देहलनपुर में हुआ है। उनकी उम्र 25 साल है। उनके पिता का नाम श्री परमानंद और माता का नाम दोली बाई है। उनकी "आओ-ना फिर स्3 तुम" और "कलम की गूँज" पुस्तके प्रकाशित हो चुकी हैं।उनकी रचनाएँ 50 से अधिक एंथोलॉजी और 16 बार मासिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई।उन्होंने स्कूली शिक्षा GBBN स्कूल हरनावदाशाहजी से की है। 
कोटा विश्वविधालय से स्नातक, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, कोटा से प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल से शिक्षा में स्नातक उपाधि। अब वह ओपन यूनिवर्सिटी कोटा से हिंदी साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे है।

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