नमस्कार मित्रों मैं 'बृजमोहन पालीवाल' अपना एक और नायाब 'एकल संग्रह' लेकर आया हूँ जो कि मैं दुनिया-भर की, तमाम माताओं व उनकी अपार ममता और स्नेह को समर्पित करता हूँ। वैसे तो माँ और उसक
मेरी यह पुस्तक सभी दोस्तों को समर्पित है और उनको ज्यादा समर्पित है जो मुझे भूल गए या छोड़कर चले गए। प्रेम मे अद्भुत क्षमता होती हैं। उसी क्षमता के कारण इस पुस्तक को पूर्ण करने मे
प्रेम काल्पनिकता और वास्तविकता का ऐसा पंछी हैं जो जीवन के हर क्षण हवा में उड़ता फिरता हैं!
जिस प्रकार से सरोवर में असंख्य जीव वास करते हैं उसी प्रकार से प्रेम सरोवर में दुःख, दर
नमस्कार ! दोस्तो, मैं संदीप कुमार 'विश्वास' अपना यह तीसरा 'एकल संग्रह' 'रेणु जी की यादें', मेरे अपने दादा स्वर्गीय फणीश्वरनाथ रेणु जी को समर्पित कर रहा हूँ। इस पुस्तक का नाम भी मैंने
नमस्कार ! प्यारे भाईयों एवं बहनों, मैं रौशनी अरोड़ा 'रश्मि' एक बार फिर आप सभी के समक्ष एक बहुत ही बहतरीन 'साझा संग्रह' लेकर उपस्थित हो रही हूँ। ये 'साझा संग्रह' दुनियाँ-भर के तमाम नए-पु
पुस्तक में..............
"स्वस्थ तन में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है" इसी वाक्य को ध्यान में रखकर तन विषय पर रचनाओं का संकलन किया गया है। सभी रचनाकारों की श्रेष्ठ रच
एक रचनाकार के लिए साहित्य उसकी आत्मा के समान होता है। साहित्य का सृजन जीवन की यथार्थ भावना, कल्पना, सामाजिक परिवेश, देशकाल से जुड़ा होता है। कुछ इन्हीं विचारों से लेखिका ने भावना
नमस्कार दोस्तों मैं संदीप कुमार 'विश्वास' अपना यह दूसरा एकल संग्रह ‘सहित्य की नगरी’ अपने 'साहित्य' एवं अपने समस्त साहित्य प्रेमियों को और अपने रेणु गाँव औराही हिंगना को समर्प
संपादक की कलम से.......
आप सभी को भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत् 2079 की हार्दिक शुभकामनाएँ। यह वर्ष आपके लिए शुभ मंगलकारी हो।
वेदांती साहित्यिक मासिक पत्रिका के अप्रैल
नमस्कार !
दोस्तों, भाईयों व बहनों, मैं लेखिका व गायिका 'रौशनी अरोड़ा,'रश्मि'! 'दिल्ली' में निवासरत हूँ। इस पुस्तक 'उन्नति की ओर' में मैंने एक से बढ़कर एक रचनाकारों की रचनाओं को श
यह मेरी 9वीं पुस्तक है आशा है पाठक वर्ग अन्य पुस्तकों की तरह इस पुस्तक को भी पसंद करेंगे। यह पुस्तक मेरे पिताजी पूज्यश्री पुरुषोत्तम दास कापड़िया को समर्पित है।लंबे अरसे से इच्
वेदांती साहित्यिक पत्रिका का यह तीसरा अंक है, संगम पब्लिकेशन कोटा और वेदांती साहित्यिक समूह के द्वारा इसका प्रकाशन किया जा रहा है,
यह पुस्तक मैं 'संदीप कुमार 'विश्वास', अपने "रेणु गाँव औराही हिंगना" के तमाम ग्रामवासियों को तथा तमाम साहित्य प्रेमियों को समर्पित करता हूँ। यह मेरा पहला 'एकल संग्रह' है, मैंनें इ
हमारी संस्कृति ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की रही है,
परिवार को समर्पित उत्कृष्ट रचनाओं का
संकलन ‘मेरा परिवार’ में किया गया है!
जिसमें 22 रचनाकारों की उत्कृष्ट रचनाएँ
"एक कदम" जैसा कि नाम से ही पता चल रहा एक कदम मतलब पहला कदम जो किसी काम के लिए हम चलते हैं। सीधे- सीधे बात किया जाये तो किसी काम की शुरुआत से इसका अर्थ लिया जा सकता हैं।
सोच स
जनचेतना के सशक्त रचनाकार डॉ.डी.एस.संधु जनवादी चेतना एवं अपार संभावनाओं के सशक्त रचनाकार हैं।आपके लेखन की विविधता तथा निरंतरता उनकी क्षमता,निष्ठा, प्रतिबद्धता तथा परिश्रम की प
संपादक की कलम से.......
वेदांती साहित्यिक मासिक पत्रिका के फरवरी अंक (द्वितीय अंक) में आप सभी रचनाकारों एवं पाठकों का हार्दिक अभिनंदन हैं।
प्रवेशांक में आप सभी ने काफी उ
संपादक की कलम से.......
वेदांती मासिक ई पत्रिका के प्रवेशांक में आप सभी रचनाकारों एवं पाठकों का हार्दिक अभिनंदन हैं।
वेदांती साहित्यिक समूह में रचनाकारों ने काफी उत्साह
‘‘मेरी माँ मेरी दुनिया’’ माँ पर लिखी गई उत्कृष्ट रचनाओं का साझा संग्रह हैं। जिसका संपादन ओम प्रकाश लववंशी 'संगम' के द्वारा किया गया है।
माँ के ममत्व को लेखनी के माध्य
"काव्य कुसुम" जैसा कि नाम से ही विदित हो रहा है कि कविताओं का पुष्प अर्थात् काव्य रूपी पुष्प। इस पुस्तक में उत्कृष्ट काव्य रचनाओं का संग्रह किया गया है। जिसमें 23 रचनाकारों की उत्क
कवि वह कलमकार होता है,जो अनुभूतियों और सपनों को शब्दों के सहारे संप्रेषण अभिव्यक्ति प्रदान करता है।जिससे कवि और पाठक दोनों रोमांचित होते हैं।ख्वाबों का पुलिंदा जैसा कि नाम से
"मनभावों की दिव्यरौशनी" एक ऐसी पुस्तक हैं जिसमें 29 रचनाकारों के मन के भावों से निकली उत्कृष्ट रचनाओं की साहित्यरूपी दिव्यरौशनी हैं। जो आप पाठकों के मन में साहित्यरूपी दिव्यरौश
इश्क की महक.... एक लम्बे इंतजार की प्रेम कहानी है! शालिनी के जीवन संघर्ष को इसमें बताया गया है! सामाजिक कुरीतियों की मार झेलकर बाल विवाह जैसे संघर्ष और बदनामियां सहकर शालिनी आत्म ह
‘‘मौसमी’’ एक नाटकीय कहानी की तरह लिखी गई किताब (उपन्यास) है जिसमें आज के युग में चल रही बहुत सी बुराइयों और अच्छाइयों को दर्शाने की छोटी सी कोशिश की है। जिसमे सब रंग हैं जै
जनचेतना का क्षीतिज
डॉ. डी.एस. संधु समकालीन हिंदी साहित्य के चर्चित कवि, लेखक, नाटककार हैं। इनकी सृजनधर्मिता की अपनी विशिष्ट निर्भीक शैली और जनवादी चेतना के
शबनम की साहित्यिक यात्रा में शामिल सभी साथियों को एक साथ पिरो कर काव्य संकलन के रूप में प्रस्तुत करने में अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है,,
शबनम अर्थात् ओस की बूंदे संपादक महोदय न
“अंश कृतियाँ” पुस्तक एक साहित्यिक यात्रा है जो पाठक को निश्चित ही अपने जीवन से जोड़ने का अद्भुत कार्य करेगी......
सावन की रिमझिम बारिश और त्योहारी माहौल से पुस्तक की शाब्दिक
संजय कुमार डोकानिया एवं श्रीमती नीलम देवी डोकानिया के द्वारा भगवान शिव की प्रेरणा से शिव पार्वती महिमा, हृदय को मंत्र मुग्ध कर देने वाली पावन शिव महिमा की रचना की गई हैं। दुनि
रचना की स्वर्णिम रचनाएँ" स्वर्णिम रचनाएँ मतलब सोने जैसी, सोने जैसी खरी और एक अपनेआप में महत्त्वपूर्ण अर्थात इस पुस्तक में रचना वशिष्ठ की उन रचनाओं को शामिल किया है जो हमारे जीवन
जिस तरह से फूलों से महक आती है उसी तरह इस पुस्तक में शब्दों से विचारों की महक निकल कर आप तक पहुँचेगी । हमारे इर्द-गिर्द घूमती हुई कविताओं का संकलन इस पुस्तक में किया गया है जो निश्
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कुछ लम्हें इस तरह से गुजर जाते हैं जिनको वह फिर से जीना चाहता है।
उन लम्हों को आजीवन याद रखना चाहता है।
रचनाकार ने बीते लम्हों को लेखनी के माध्यम स