“शिक्षा अनमोल रत्न ' प्रेरक काव्य संग्रह है। इस काव्य संग्रह की संकलनकर्ता एडवोकेट डॉ प्रिया शर्मा है।इस पुस्तक में 20 सह लेखकों ने अपना विशेष योगदान दिया है ।इस काव्य संग्रह पुस्तक का उद्देश्य लोगों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। एडवोकेट डॉ प्रिया शर्मा अपनी इस काव्य संग्रह पुस्तक लिखने के लिए प्रेरित करने का श्रेय अपने माता-पिता माया शर्मा- डाँ टी. सी शर्मा को देती हैं। इस काव्य संग्रह पुस्तक की भाषा सरल एवं सहज है। यह काव्य संग्रह पुस्तक पाठकों के लिए उपयोगी पुस्तक साबित होगी।इस काव्य संग्रह पुस्तक में शिक्षा के महत्व को बताया गया है। शिक्षा हमें अधिक सभ्य और बेहतर शिक्षित बनाती है। यह हमें समाज में बेहतर स्थिति बनाने में मदद करती है । यह हमें जीवन में एक अच्छा डॉक्टर, इंजीनियर, अधिकारी, पायलट, शिक्षक, आदि बनने में सक्षम बनाती है। नियमित और उचित अध्ययन हमें जीवन का लक्ष्य बनाकर सफलता की ओर ले जाता है।
सह लेखक परिवार
डॉ मयंक राजपाल, अनुराग उपाध्याय, रिधा काजी, आयुष वोरा, बिशाखा कुमारी सक्सेना, विपिन वी. कांबले, मनीष भिलाला, सोनी शॉ, एर। विशाल मौर्य, समीक्षा जग, अनंत त्रिपाठी, ऐमन मोइन रजा, ज्ञानेश्वरी व्यास (स्मृति), संतवना श्रीवास्तव, मानसी ठाकुर, नताशा कुशवाहा, सलोनी चावला, असिला जैक्स, अभिलाषा देशपांडे, मोहित कुमार