अध्यात्म तथा गुह्य विद्याओं से जुड़े प्रत्येक जिज्ञासु तथा संघर्षशील साधकों के लिए यह पुस्तक मौलिक, ज्ञानवर्धक तथा अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी तथा तंत्र-विषयक उनका नकारात्मक दृष्टिकोण ही बदल देगी।
एक पूर्व वैज्ञानिक गोपाल राजू ने पिछले इतने वर्षों से अपना जीवन भोगवाद, रहस्यवाद, अध्यात्मवाद आदि के लिए समर्पित कर दिया है। वह तार्किक, बौद्धिक और वैज्ञानिक आधार पर ही विश्लेषण करता है। वह केवल उसी का अनुसरण करता है जो वह मूल रूप से लिखता है, जो गुप्त, रहस्यवाद और अध्यात्म के गहरे सागर से अनुभव किया गया है।