" तू स्याही कलमकार की " अभिषेक मिश्रा की पहली रचना है । पुस्तक में अभिषेक मिश्रा ने वही लिखा है जो उन्होंने इस समाज में महसूस किया है। इस पुस्तक में उन्होंने समाज की कुरीतियों के साथ-साथ प्रेम संबंध को भी दर्शाया है। इस पुस्तक में कविताओं के साथ साथ ग़ज़लों का भी संग्रह है जो आपको आपकी पुरानी यादों से मुलाकात कराएगी । तू स्याही कलमकार की,माॅं, पिता, तुम्हारी चिट्ठी आई है जैसी कविताएं आपके दिल को छू लेगी ।। इस पुस्तक में 33 कविताएं और ग़ज़लें हैं ।।