“उसूल-ए-मोहब्बत” एक ऐसी किताब है जो मोहब्बत के नगमों से भरी हुई है।
मोहब्बत के परवानों की भावनाओं और अनुभवों, उनके ऊपर हुए सामाजिक उत्पीड़नों, दर्द,तड़प,आरजू एक आशिक कीव्यथा का एक सजल चित्रण अपनी कलम के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है ।
इस पुस्तक के संकलन में मुख्य भूमिका मेरी स्वयं की एवं सह संकलक के रूप में तेजकरण सिन्हा की रही है।
परियोजना प्रमुख श्री विजय सिंह जी के मार्गदर्शन से ही यह किताब सम्पन्न हो पाया है ।
इस किताब के लेखन में 33 उम्दा लेखको ने अपनी कलम का परिचय दिया है और अपनी भावनाओं को उसूल-ए-मोहब्बत पर व्यक्त किया है ।