भारत में विज्ञान संचार की बेहद जरुरत हैं। हमें वैज्ञानिक सोच का विकास करना चाहिए ताकि लोग अच्छे तरीके से जिंदगी जी सके। विज्ञान रोजमर्रा में हर क्रिया में हर वस्तु में निहित हैं। इसलिए हमें दैनिक जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखते हुए ऐसी सोच रखना चाहिए जो हमारे आने वाले कल को अच्छा वातावरण, शुद्ध जल और अच्छा स्वास्थ्य दे सके। प्लास्टिक (पॉली बैग तथा प्लास्टिक की छोटी छोटी चीज़ों/उपकरणों) के कारण आज कैंसर रोग और तरह-तरह के रोग समाज में तेज़ी से बढ़ रहे हैं। कृषि उद्योगों में कीटनाशक और उर्वरक के अधिक उपयोग से नदियों का जल दूषित हो रहा हैं, जिससे जलीय प्राणियों को नुकसान हो रहा हैं। इस प्रदुषण के कारण कुछ प्रजातियां विलुप्त हुई है और कुछ ख़त्म होने की कगार पर है। समर्पण हैं यह पुस्तक इन समस्याओं को जो धीमे ज़हर सी हमें ख़त्म कर रही हैं।