इस किताब में मैनें अपने कुछ अनुभव को लिखा है। कुछ ऐसे एहसासों को लिखा है जो बिल्कुल कोरे हैं। कुछ आतीत भी लिखा है, कुछ समाज का चरित्र भी और चहेरा भी। बस जिंदगी को जितना जिआ है और मौत को गले लगाया है बस मैने वही लिख दिया है। वो भी मुस्कुरा कर गम का जहर पी कर।
मैं आशीष कुमार हूं, मुझे Shanky के नाम से जाना जाता है। मेरा जन्म और पालन-पोषण रामगढ़, झारखंड में हुआ। मैंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में शिक्षा प्राप्त किया है। मैने जितनी ज़िन्दगी जी है उससे तो इतना जान ही चुका हूँ कि जिंदगी जितना रुलाती है मौत उतना ही तड़पाती है। सुना है किसी के पास कुछ ना हो तो हसती है ये दुनिया, किसी के पास सब कुछ हो तो जलती है ये दुनिया पर मेरे पास जो है उसके लिए तरसती है ये दुनिया। जो भी हूं जैसा भी हूं अपने प्यारे महादेव का हूँ। मैं क्या कहुं खुद से खुद के बारे में। धीरे-धीरे आप सब जान जाएंगे।