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YU HI BAJ GAYI BANSURI / यूँ ही बज गई बाँसुरी

Author Name: Samir Upadhay “lalit” | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

  वर्ण पिरामिड हिंदी साहित्य में एक नई काव्य-विधा है। इसके जनक श्री सुरेश पाल वर्मा 'जसाला' जी है। यह हाइकु की तरह विषम चरणों वाली काव्य-विधा है। इस विधा में सात चरण हैं। अर्थात् यह सात पंक्तियों वाली एक छोटी-सी कविता है। प्रथम पंक्ति में एक, द्वितीय में दो, तृतीय में तीन, चतुर्थ में चार, पंचम में पाँच, षष्टम में छः और सप्तम में सात वर्ण होते हैं।

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समीर उपाध्याय 'ललित'

नाम: समीर उपाध्याय 'ललित'
शैक्षणिक योग्यता: एम. ए., बी. एड., एम. फिल.(हिंदी)
सौराष्ट्र युनिवर्सिटी, राजकोट
सुवर्ण चंद्रक विजेता (1997)
संप्रति: उपाध्याय, उच्चतर माध्यमिक विभाग
श्री म्युनिसिपल हाईस्कूल - थानगढ : 363530
गुजरात
स्थायी पता: 
मनहर पार्क : 96/A
चोटीला : 363520
जिला: सुरेंद्रनगर
गुजरात
भारत
9265717398
s.l.upadhyay1975@gmail.com

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