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151 Upanishadon ka Saraansh / 151 उपनिषदों का सारांश

Author Name: Neha Singh | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

उपनिषद् शब्द का सामान्य अर्थ है - ‘समीप उपवेशन’ अथवा ‘समीप बैठना’ (ब्रह्मविद्या प्राप्ति हेतु गुरु के पास शिष्य का बैठना) | उपनिषद् में ऋषि तथा शिष्य के मध्य बहुत ही सुन्दर तथा गूढ़ संवाद है | उपनिषद् में ऋषियों के ज्ञान-चर्चाओं का सार प्राप्त होता है जो संस्कृत में लिखे गये हैं | इनमें परब्रह्म तथा आत्मा के स्वभाव व सम्बन्ध का अति ज्ञानपूर्वक वर्णन प्राप्त होता है | हमारे भारतीय सभ्यता का अमूल्य धरोहर उपनिषद् हैं |

उपनिषद् के विषय में यदि लिखना भी चाहे तो लिख नही सकते क्योंकि यह असीमित ज्ञान का भंडार है | यह ज्ञान इतना विशाल है कि अरबों पर्वतों के ऊँचाई से भी तुलना नही किया जा सकता है | यह ज्ञान इतना गहरा है कि अरबों सागर की गहराई से भी तुलना नहीं जा सकता | यह उपनिषद् द्वारा ऐसी शक्ति प्राप्त होती है जिसके द्वारा मनुष्य अपने जीवन-संग्राम का धैर्य और साहस के साथ सामना कर सकता है | यदि उपनिषद् नहीं होते तो भगवद्गीता भी नही होता क्योंकि भगवद्गीता उपनिषद् के ऊपर ही आश्रित है | उपनिषद् में ही हमारे आत्मिक, मानसिक तथा सामाजिक समस्याओं से निपटने का ज्ञान वर्णित है |

उपनिषद् की संख्या अलग अलग बताई जाती है, कहीं 200 तो कहीं 220 हैं | प्रत्येक उपनिषद् किसी न किसी वेद से जुड़ा हुआ है | ऋग्वेद से 10 उपनिषद्, शुक्ल यजुर्वेद से 19 उपनिषद्, कृष्ण यजुर्वेद से 32 उपनिषद्, सामवेद से 16 उपनिषद्, अथर्ववेद से 31 उपनिषद्, अतः कुल मिलाकर 108 उपनिषद् को मुख्य माना गया है | इनमें भी 13 उपनिषद् प्राचीन एवं प्रमुख माना जाता है | जगद्गुरु आदि शंकराचार्य जी ने मुख्य दशोपनिषद् पर अपना भाष्य दिया हुआ है | 

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नेहा सिंह

सुश्री नेहा सिंह, भारत की आध्यात्मिक राजधानी वाराणसी की एक बहुत ही प्रतिभाशाली कलाकार हैं| आपका जन्म महर्षियों की तपोस्थली बलिया उत्तर प्रदेश में हुआ है तथा माता जी गृहणी व पिता जी भारतीय सेना में कार्यरत हैं | आप काशी हिन्दू विश्वविद्दालय के वैदिक विज्ञान केंद्र के प्रथम सत्र की छात्रा हैं | आपने वाराणसी के महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ से ललित कला में स्नातकोत्तर करने के बाद भारतीय वैदिक ग्रन्थों, 'भगवद्गीता' तथा 'राम' आदि विषयों में अत्यंत रूचि होने के कारण काशी हिन्दू विश्वविद्दालय के वैदिक विज्ञान केंद्र से एक मेधावी छात्रा के रूप में अपना अध्ययन कर रही हैं ।

आपका नाम दो दो बार अलग अलग विश्व रिकॉर्ड में भी दर्ज है ।  सोलह लाख मोतियों से एक विशाल ‘’भारत का नक्शा’’ बनाकर पहली बार 'वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इंडिया' में अपना नाम दर्ज किया और  449 फ़ीट कपड़े पर  38417 अँगुलियों के निशान से पूरा ‘’हनुमान चालीसा’’ लिखकर  'यूरेशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना दूसरा रिकॉर्ड दर्ज किया । 

अपने हाथ से बने चित्रों द्वारा विश्व का पहला 'दशोपनिषद्' का डिजिटल प्रिंटेड  एल्बम का यह पुस्तक रूपांतरण है, इसमें सरल शब्दों में 'दशोपनिषद्' का सारांश  हिन्दी एवं अंग्रेजी  में दिया हुआ है जो अत्यंत  मनोहारी दृश्य एवं ज्ञान वर्धक प्रस्तुति है ।

आप एक चित्रकार के साथ साथ एक कुशल प्राणिक हीलर, लेखिका, कवियत्री, स्वच्छंद (स्वतंत्र) समाज सेविका, कला चिकित्सक, टैरो कार्ड रीडर आदि बहुगुणी प्रतिभा की भी धनी  हैं |

आपको इंटरनेशनल बिज़नेस एसोसिएशन, नई दिल्ली द्वारा 'भारत गौरव रत्न' सम्मान प्राप्त है । उत्तर प्रदेश में दैनिक जागरण एवं कई अलग अलग संस्थाओं द्वारा  यू० पी० गौरव सम्मान, नारी शक्ति सम्मान, काशी शक्ति सम्मान, सशक्त नारी भारत सम्मान, यू०पी० गौरव अलंकरण, हनुमत कृपा भूषण सम्मान आदि अनेकों सम्मान से सम्मानित किया गया है |

आप दशोपनिषद् के अलावा 'राम नाम शास्त्र है', 'जीवन दर्शन गीता', '151 उपनिषद् सारांश, 'वैदिक विज्ञान – सरल एवं संक्षिप्त गीता’,'पंचतत्व विद्या', ‘आत्म गीतिका’ आदि पुस्तकों की भी लेखिका हैं ।

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