यह काव्य संग्रह दिल में उमड़ते उन ज़ज़्बातों का दर्पण है जो हम महसूस तो करते है पर उनका उद्गार नहीं कर पाते | यह वो उमंगें जिससे गुजरता तो हर कोई है , कोई कह देता है तो कोई दिल ही दिल में इसे संजोये रह जाता है | प्यार ,मोहब्बत , इश्क़ तड़प , ज़ज़्बात, इंतज़ार और वफ़ा का अनूठा मिश्रण ही इस काव्य रचना की प्रेरणा है | संजय कुमार राय द्वारा रचित ये गुलदस्ता आपकी जिंदगी के भूले बिसरे गुलाबी दौर से आपको रूबरू कराएगा
संजय कुमार राय
मै ना तो कवि हूँ न ही मुझमें कविता में प्रयोग होने वाले अनेक रूपों का ज्ञान है | मुझे तो यह भी नहीं पता की छंद , ग़ज़ल , मुक्तक , व्यंग इत्यादि का प्रारूप क्या होता है | मुझे तो बस इतना पता है जो लेखनी दिल को छू कर आपको तरंगित कर दे वो ही कविता है | मार्केटिंग मैनेजमेंट में एम बी ए करने के उपरांत मैंने कॉर्पोरेट वर्ल्ड में कार्य किया | लगभग २० वर्षों तक विभिन प्रतिष्ठानों में सेवा करने के उपरांत मैंने लेखनी में प्रयोग के तौर पर छोटे बच्चों की किताबें लिखना आरम्भ किया और लगभग २५ किताबों का सृजन किया जो शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रही है |
कॉर्पोरेट वर्ल्ड में कार्य करते हुए कब मेरे दिल के उद्गार कविता का रूप लेने लगे इसका पता भी मित्रों से चला | देश से कई समाचार पत्रों में मेरी कविताएँ प्रकशित हो चुकी है और कई काव्य गोषिठयों में जाने का सौभाग्य प्राप्त हो चूका है |
यह मेरा पहला काव्य संग्रह है जो आपके दिल के अरमानो में गुदगुदी पैदा करेगी और आपको जिंदगी के रंगो में सराबोर करेगी |.