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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palसंजय कुमार राय मै ना तो कवि हूँ न ही मुझमें कविता में प्रयोग होने वाले अनेक रूपों का ज्ञान है | मुझे तो यह भी नहीं पता की छंद , ग़ज़ल , मुक्तक , व्यंग इत्यादि का प्रारूप क्या होता है | मुझे तो बस इतना पता है जो लेखनी दिRead More...
संजय कुमार राय
मै ना तो कवि हूँ न ही मुझमें कविता में प्रयोग होने वाले अनेक रूपों का ज्ञान है | मुझे तो यह भी नहीं पता की छंद , ग़ज़ल , मुक्तक , व्यंग इत्यादि का प्रारूप क्या होता है | मुझे तो बस इतना पता है जो लेखनी दिल को छू कर आपको तरंगित कर दे वो ही कविता है |
मार्केटिंग मैनेजमेंट में एम बी ए करने के उपरांत मैंने कॉर्पोरेट वर्ल्ड में कार्य किया | लगभग २० वर्षों तक देश के अग्रणी प्रकाशकों (एस चंद एंड कंपनी , नेक्स्ट एजुकेशन )और अन्य प्रतिष्ठानो में अपना योगदान देने के उपरांत मैंने लेखनी में प्रयोग के तौर पर छोटे बच्चों की किताबें लिखना आरम्भ किया और लगभग २५ किताबों का सृजन किया जो शीघ्र ही प्रकाशित होने जा रही है |
कॉर्पोरेट वर्ल्ड में कार्य करते हुए कब मेरे दिल के उद्गार कविता का रूप लेने लगे इसका पता भी मित्रों से चला | देश से कई समाचार पत्रों में मेरी कवितायें प्रकशित हो चुकी है और कई काव्य गोषिठयों में जाने का सौभाग्य प्राप्त हो चूका है |
२७ सितम्बर १९७२ ,को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में मेरा जन्म हुआ | पिताजी के स्थान्तरण के कारण देश के कई प्रांतों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ किन्तु २००१ में जयपुर आना हुआ तब से ये मेरी कर्म भूमि और १९ साल के प्रवास ने मुझे यहाँ का स्थायी निवासी भी बना दिया |
यह मेरा पहला काव्य संग्रह है जो आपके दिल के अरमानो में गुदगुदी पैदा करेगी और आपको जिंदगी के रंगो में सराबोर करेगी |.
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यह काव्य संग्रह दिल में उमड़ते उन ज़ज़्बातों का दर्पण है जो हम महसूस तो करते है पर उनका उद्गार नहीं कर पाते | यह वो उमंगें जिससे गुजरता तो हर कोई है , कोई कह देता है तो कोई दिल ही दिल में
यह काव्य संग्रह दिल में उमड़ते उन ज़ज़्बातों का दर्पण है जो हम महसूस तो करते है पर उनका उद्गार नहीं कर पाते | यह वो उमंगें जिससे गुजरता तो हर कोई है , कोई कह देता है तो कोई दिल ही दिल में इसे संजोये रह जाता है | प्यार ,मोहब्बत , इश्क़ तड़प , ज़ज़्बात, इंतज़ार और वफ़ा का अनूठा मिश्रण ही इस काव्य रचना की प्रेरणा है | संजय कुमार राय द्वारा रचित ये गुलदस्ता आपकी जिंदगी के भूले बिसरे गुलाबी दौर से आपको रूबरू कराएगा
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