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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palसबसे पहले, पढ़ने के लिए मेरी भावनाओं को चुनने के लिए आप सभी सुंदर आत्माओं को धन्यवाद देती हूं। हां, यह सिर्फ एक किताब नहीं है, यह मेरे दिल के बेहद करीब है। "अल्फाजों के रंग" एक काव्य पुस्तक है जिससे हर व्यक्ति संबंधित हो सकता है। जिंदगी में एक बार हर इंसान उतार-चढ़ाव का अनुभव करता है और यह किताब कुछ ऐसे ही जज्बातों का संकलन है चाहे वो प्यार हो, खुशी हो, गम हो, दूरी हो या टूटना हो। यह पुस्तक किसी ऐसे व्यक्ति के लिए एक उपहार है जिसे एक ऐसे प्रश्न का उत्तर चाहिए जिसका उत्तर कभी नहीं दिया जा सकता है।
इस पुस्तक के लिए ऐसी कोई विशेष प्रेरणा नहीं है , जब भी मैं अपने लोगों को अपनी कविताएँ सुनाती हूँ तो मुझे जो सुंदर मुस्कान मिलती है बस यही मेरी प्रेरणा बन गई । मेरी कविताओं में आपको जीवन के अनेक पहलू साफ वर्णित दिखाई देंगे । यह काव्य पुस्तक "अल्फाजों के रंग" मेरे जीवन के अनेक अनुभवों का साक्षी है । इसमें मेरे जीवन के सभी रंग जो मैंने अपनी जिंदगी में देखे हैं प्यार , दुख , ममता, दोस्ती , सफलता ,असफलता आदि को कविता के रूप में प्रकट करने की कोशिश की है । आशा करती हूं आप सभी इससे भावनात्मक रूप से जुड़ पाएंगे और अपने सवालों के जवाबों को खोज पाएंगे । यह पुस्तक आपको जीवन के कई अलग अलग रंगों से परिपूर्ण दिखाई देगी जो कि शब्दों के रूप में आपको रंग देंगे ।
इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य सिर्फ मेरे दिल को आश्वस्त करना है । ये पुस्तक हमेशा मेरे शब्दों से प्रेम को दर्शाएगी ।यह मुझे याद दिलाएगी कि मेरी कलम मेरी ताकत है और कोरे कागज मेरे सबसे करीबी जो मुझे हमेशा सुनते हैं और स्वीकार करते हैं । आप सभी का धन्यवाद पुस्तक को अपना प्रेम देने के लिए ।
ढेर सारा प्यार और आभार ।
साक्षी शर्मा
साक्षी शर्मा भरतपुर,राजस्थान की एक लेखिका हैं। इनकी माता का नाम श्रीमति सुमनलता व पिताजी का नाम श्रीमान देवकीनंदन है । साक्षी ने स्नातक की डिग्री पूर्ण की है । इन्हें अपने शब्दों को कविता में पिरोना अच्छा लगता है । इन्होंने यूं ही लिखना शुरू किया था और धीरे धीरे ये इनका शौक बन गया । आज इन्हे लिखते हुए लगभग 5 साल हो चुके हैं लेकिन क्रमबद्ध तरीके से ये 3 साल से लिख रही हैं। इन्हें मुक्त कविताएं लिखना पसंद है । अधिकतर ये प्रेम रस लिखती हैं साथ ही जीवनी पहलू , जिन्दगी की कटुता लिखने का प्रयास करके ये अपनी कलम को निखारना सीख रही हैं । ये 10 से ज्यादा संकलन में अपनी रचनाएं दे चुकी हैं और 2 संकलन संकलनाकर्ता के रूप में पूर्ण भी किए हैं । ये हिन्दी साहित्य को सुरक्षित रखने में अपना सहयोग देना चाहती हैं। इनको यहां तक आने के लिए प्रेरित करने वाले इनके परिवार और खास दोस्त हैं उन्ही के साथ से ये यहां तक का सफर तय कर पायी है । यह साक्षी की पहली पुस्तक है और Forever Shining Publication के साथ इसका प्रकाशन करने में इन्हें बेहद खुशी हो रही है ।
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