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Angare / अंगारे

Author Name: Fareed Ahmad | Format: Paperback | Genre : Young Adult Fiction | Other Details

अंगारे

दिसंबर 1932 ई० लखनऊ की ‘निज़ामी प्रेस’ से “अंगारे” शीर्षक से एक किताब प्रकाशित हुई। उर्दू में अपने तर्ज़ की यह एक अलग ही किताब थी। जिसमें 9 कहानियाँ और एक ड्रामा शामिल है। यह कहानी और ड्रामा लिखने वाले लेखकों में 3 मर्द और 1 औरत जिनके नाम सज्जाद ज़हीर, अहमद अली, रशीद जहाँ और महमूदुज़्ज़फ़र हैं। “अंगारे” ने समाज के कई तबकों पर आबले का काम किया। जिसकी जलन से ब्रिटिश भारत में कोहराम सा मच गया। जगह जगह विरोध होने लगे। अखबारों, पत्र-पत्रिकाओं में इस किताब की निंदा करते हुए लेख छपने लगे। मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा फ़तवे दिए जाने लगे।

15 मार्च 1933 ई० को आखिर वो दिन आ ही गया जब भारतीय दण्ड संहिता की धारा 295A के तहत ब्रिटिश संयुक्य प्रांत सरकार ने “अंगारे” पर प्रतिबंध लगा दिया। “अंगारे’ की 5 प्रतियाँ छोड़ समस्त प्रतियाँ जला दी गईं और इन  प्रतियों को ब्रिटिश पुस्तकालय व इंडियन ऑफिस कलेक्शन में भेज दिया गया।

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फ़रीद अहमद

फरीद अहमद का उत्तराखण्ड पहाड़ी राज्य के नैनीताल जनपद के हल्द्वानी शहर में 15 फ़रवरी 1986 ई० को हुआ। कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल से स्नातक की उपाधि तथा शिक्षाशास्त्र व पुस्तकालय विज्ञान में स्नातक उपाधि प्राप्त कर रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य तथा उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र विषय में प्रथम स्थान सहित स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की।

अध्ययन व लेखन में विशेष रूचि रही जिसके फलस्वरूप आप हिंदी, उर्दू भाषा में शैक्षिक, सामाजिक व साहित्यिक पुस्तकों का लेखन व संपादन कर रहे हैं। अनुवादक के रूप में उर्दू साहित्य की कई पुस्तकों का हिंदी तथा हिंदी साहित्य का उर्दू में अनुवाद किया जा रहा है। 

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार में वरिष्ठ संकाय के पद शिक्षण सेवाएँ दे रहे हैं।

uk.fareed@outlook.com

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