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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palचाहतें एक ऐसी किताब है जहाँ प्रत्येक लेखक लेखिकाओं ने अपनी अपनी चाहत बताई है। ऐसी चाहत जो शायद किसी को ना बता पाए वो। किसी की चाहत कुछ बनने की है, तो किसी की चाहत किसी का सपना पूरा करने की है, तो किसी की चाहत किसी को पाने की है। पर इस किताब में वो अपनी वो चाहत बताने में सक्षम है। हम सबने इस पुस्तक की सफ़लता का प्रयास किया है एवं इससे सफल बनाया भी है।
यह सिर्फ पुस्तक नही है बल्कि हम सभी के भावों का, चाहतों का सरोवर है। इसे पढ़ते वक्त आपको निश्चित ही जुड़ाव महसूस होगा।
कनिष्का महता & प्रतीक रोहतगी
कनिष्का मेहता कविताएं लिखना बेहद पसंद करती हैं। इन्होंने अलग अलग एंथोलॉजीज़ में अपनी कविताएं लिखी है । कुछ नारी के ऊपर है। कुछ परिवार, प्रेम और दोस्ती पर है। इन्हे नया नया काम सीखने में रुचि रहती है। यह उनकी खुद की पहली संकलक है।
प्रतीक रोहतगी, दिल्ली से ताल्लुक रखने वाले बी. टेक प्रथम वर्ष के छात्र हैं। इनको कविताएँ लिखने का बहुत शौक है। इन्होने अपनी खुद की एक संकलन 'आवाज़' भी प्रकाशित करवाई है।
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