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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palबहोत ही अच्छी बुक लिखी गई है, इसमें बिलकुल सच्चाई लिखी है।
हर एक कविता के पहले कविता के बारे में अलग से बताया गया है।
जिससे हर कविता को समझना और उस में बयां करे गए जज्बातों को अनुभव कर पाना कईं ज्यादा आसान है।
इस बुक में मां और बेटे का प्यार अलग ही झलक रहा है।
दर्शना मां जज्बातों से भरा वो घर जिसे कभी कोई तोड़ न पाए,,
आंधी आए या तूफान, वो सब सह जाए,,
"मां" ममता का क्या खूब वर्णन किया है,,
जो कोई नहीं कर सकता वो इस बुक में करा गया है,,।
इस बुक की खासियत यह है की, कोई भी दुःखी मन इसे पढ़े तो वो उसे विश्वास से भर दे और एक नई उम्मीद जगा दे की कितनी भी मुश्किल हो मां का आशिर्वाद ही काफी है, उस मुश्किल से लड़ने के लिए...
और सही है कभी मां सिर्फ एक नहीं होती, मां को तो मेहसूस किया जाता है जो मिल पाता है।
इस बुक में बेटे और मां के प्यार को बहोत खूब बयां करा गया है।
बिट्टू श्री दार्शनिक
शुरू से ही गुजरात के अहमदाबाद शहर के पले बढे है। लोगो की मदद करना, भावनात्मक पहलू को समझना और उनका सम्मान करना, मोटिवेशन वक्ता, वास्तविकता, कविता लिखना पसंद है। यह लिखी गई वास्तविकता और मोटिवेशन "दार्शनिक दृष्टि" से जानी जाती है। समाज, परिवार और देश को आगे लाने (सुधार और विकास) और अपने विचार हर व्यक्ति तक पहुंचाने हेतु "दार्शनिक दृष्टि" मातृभारती एप्लिकेशन पर नॉवेल के एपिसोड और स्टोरी के रूप में उपलब्ध है।
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