‘दो अक्स’ (Double Reflexion) दो अलग प्रकार की रचनाओं का संग्रह है जो ग़ज़ल की तर्ज़ पर लिखी गयीं हैं। यद्यपि ये ग़ज़ल के बन्धनों से पूर्णतः मुक्त हैं, इनका उद्देश्य और प्रकटीकरण बिलकुल वैसा ही है। इन रचनाओं के प्रकार के आधार पर पुस्तक में ‘मुक्त-ग़ज़ल’ एवं ‘स्वतंत्र-ग़ज़ल’ नाम के दो खण्ड समाहित हैं। इस तरह दो विभिन्न प्रकार के रचनात्मक प्रयोगों से ‘दो अक्स’ अस्तित्व में आया है। शैली की नवीनता के बावजूद लेखन की भाषा वही है जो आपके दिल को छू जाती है।