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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palआज विश्व के सभी देश भाषाई दक्षता को अनिवार्य मान रहे हैं । भाषा शिक्षण एक तकनीक के रूप में विकसित हो रही है । कोई भी देश अपनी सभ्यता एवं संस्कृति के विकास एवं संरक्षण के लिए अपने देश की भाषा पर निर्भर रहता है । शिक्षा जगत बिना भाषा के संभव नहीं है । शैक्षिक गतिविधियों में निरंतर शोध और विकास आज के तकनिकी युग में भाषा शिक्षण को गतिमान और प्रभावी कर दिया है । अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव ने भारतीय भाषाओँ पर ग्रहण लगा दिया है । अन्य भाषाओ के साथ साथ हिंदी भाषा भी विकारयुक्त हो गई है एक शिक्षक को भाषा में प्रवीण होना चाहिए ।आज बहुत से विद्यार्थी हिंदी भाषा के विषय में कम जानकारी रखते है । ऐसे में शिक्षक वर्ग का दायित्व है की ऐसे ग्रंथों एवं पुस्तकों की रचना करें जिससे विद्यार्थियों को अपनी हिंदी भाषा में दक्ष बनाया जा सके । इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत पुस्तक '' हिंदी भाषा दक्षता ''की रचना की गयी है ।
डा० निधि श्रीवास्तव
डा0 निधि श्रीवास्तव पिछले 24 वर्षों से शिक्षक , शिक्षक -प्रशिक्षक एवं शोधकर्त्री के रूप में कार्यरत हैं। डा0 निधि ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से पी एच डी(शिक्षाशास्त्र) की उपाधि अर्जित की है। अनेक महाविद्यालयों में शिक्षक -प्रशिक्षक के दायित्व का निर्वहन करते हुए वर्तमान में एस्टर कालेज आफ एजूकेशन ( चौ0 च0 सिं0 मेरठ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध), ग्रेटर नोएडा के एम0 एड0 विभाग में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत है। हिन्दी भाषा पर आप गहरा अधिकार रखती हैं। आप शिक्षिका के साथ एक कवियित्री भी हैं। आप ने कई शैक्षिक संगोष्ठियों में शोधपत्रों का सफलतापूर्वक प्रस्तुतिकरण किया है तथा अनेक परिचर्चाओं कार्यशालाओं में भाग लिया है। विद्यार्थियों के प्रति आप की निष्ठा और उत्तरदायित्व की भावना सराहनीय है।
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