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10 Years of Celebrating Indie Authors
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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"ह्रदय बसें श्री राम" की शुरुआत प्रभु श्री राम के जन्म से होती है। स्वयं नारायण पृथ्वी के भार को हरने जन्म लेते हैं और मुनि विश्वामित्र के साथ चलते हुए ताड़का,सुबाहु,मारीचि से मुक्ति दिलाते हैं। अंत में जनकपुरी में धनुषभंग कर श्री राम, सिया के हो जाते हैं एवं बारात सहित वापस अयोध्या आ जाते हैं।
राजा दशरथ, प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक की तैयारी कर रहे होते हैं किन्तु कैकयी को दिए वचन के अनुसार उन्हें कैकयी की बात माननी पड़ती है और अंततः प्रभु श्री राम, सीता और लक्ष्मण संग वनवास को निकल जाते हैं। प्रभु के वियोग में दुःखी भरत, प्रभु श्री राम से मिलने चित्रकूट आते हैं। अंत में भरत, चित्रकूट से लौट कर अपना सिंहासन त्याग कर वहाँ प्रभु श्री राम की चरण पादुका स्थापित करते हैं।
शूर्णपखा श्री राम पर मोहित होकर, रूप बदलकर उनसे मिलने आती है किंतु लक्ष्मण क्रोध में आकर उसकी नाक काट देते हैं। खर-दूषण का प्रभु श्री राम के हाथों वध होता है। रावण, मां सीता को हर के ले जाता है।
मां सीता को ढूढ़ते हुए प्रभु श्री राम, हनुमान जी से मिलते हैं। जामवंत, हनुमान जी को याद दिलाते हैं कि इस जग में अगर कोई है जो सागर पार कर सकता है तो वो सिर्फ हनुमान ही हैं। हनुमान जी, श्री जामवंत के वचनों को सुनकर माँ सीता की खोज करने लंका की ओर प्रस्थान करते हैं।
प्रप्रभु श्री राम के क्रोध के डर से सागर प्रकट होते हैं और बताते हैं कि नल-नील में वो शक्ति है जो पत्थर से सागर पर पुल निर्माण कर सकते हैं। कुम्भकर्ण का श्री राम के हाथों और मेघनाद का लक्ष्मण के हाथों वध होता है। अंत में रावण स्वयं युद्ध में जाने का निश्चय करता है। भीषण युद्ध के पश्चात् प्रभु श्री राम के हाथों रावण का उद्धार होता है।
गौरव गुप्ता
कटनी, मध्य प्रदेश में जन्में गौरव गुप्ता युवा लेखक हैं। वर्ष 2003 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन करने के पश्चात वर्तमान में इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। हिंदी भाषा में 2006 से सतत सक्रिय हैं। इनकी कहानी एवं कविताओं का विभिन्न हिंदी समाचार पत्र,अन्य साहित्यिक पत्रिकाओं एवं सोशल मीडिया में सतत प्रकाशन है। यूट्यूब चैनल: दिल की बात अपनों के साथ by Gaurav Gunja Gupta एवं फेसबुक पेज: https://www.facebook.com/byGauravGunjaGupta/ काफी चर्चित है।
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