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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal||तुम्हारा होना||
ये रंग
जो तुम्हारी हंसी से
बिखरे पड़े हैं धरा पर
तुम्हारे प्रेम की ऊष्मा पाकर ही
वाष्पित हुए
और इंद्रधनुष हो गया सतरंगी
तुम्हारी खुशियों से ही
तय किये गए
धरती और आकाश की
सम्पूर्णता के समीकरण,
अलसुबह
तुम्हारे चेहरे के नूर से ही
खिलते रहे फूल
जब नहीं रहोगी तुम
बेरंग हो जायेगी दुनियाँ
खत्म हो जायेंगी पृथ्वी पर
जीवन की सारी संभावनाएं |
भानु प्रकाश रघुवंशी
भानु प्रकाश रघुवंशी
भानु प्रकाश रघुवं (परिचय)
जन्म-तिथि : ०१ जुलाई १९७२
जन्म-स्थान : अशोकनगर (मध्यप्रदेश)
शिक्षा : जीवाजी विश्वविद्यालय से कला स्नातक एवं स्नातकोत्तर (हिन्दी)
प्रकाशन : सभी प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं में लगातार रचनाएं प्रकाशित।
"सुहानी बरसात", "एक यात्रा है कविता" और "उड़त गुलाल" तीन साझा कविता संग्रह प्रकाशित।
कुछ कविताओं का अंग्रेजी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद एवं आकाशवाणी से काव्य पाठ का प्रसारण।
भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) और प्रलेसं से गहरा जुड़ाव, कुछ नाटकों में अभिनय।
संप्रति : गांव में रहते हुए कृषि कार्य।
सम्पर्क : ग्राम- पाटई, पोस्ट- धुर्रा
तहसील- ईसागढ़, जिला- अशोकनगर (म.प्र.)
पिन- 473335
मोबाइल - 9893886181
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